रविवार, 13 दिसंबर 2020

महिलाओं के स्‍वारोजगार हेतु नीशेप क्‍लीनिक

 







Nee Sheep Clinic

 





नारी सौंदर्य में आकर्षक नाभि (नी शेप क्‍लीनिक)

 

              नारी सौंदर्य में आकर्षक नाभि (नी शेप क्‍लीनिक) 

    नी शेप क्‍लीनिक में नाभी को गहरी आकृषक बनाया जाता है साथ पेट पर नाभी बल व कमर को पतला किया जाता है ।

 

नारी सौंदर्य में आकर्षक नाभि अपनी खास अहमियत रखती है. आकर्षक और संतुलित नाभि युवतियों को जहां सैक्सी लुक प्रदान करती है वहीं पार्टी
फंक्शन में आकर्षण का केंद्र भी बनती है. आज नाभि दिखाने का फैशन चलन में है.

सविता को पेट के ऊपर साड़ी बांधने पर कसाव महसूस होता है और इस से उसे असुविधा भी होती है, इसलिए वह साड़ी नाभि के नीचे बांधती है, लेकिन उथली नाभि और अंदर की दिखती धारियों की बात से अनजान सविता को उस की सौंदर्य विशेषज्ञ सहेली सुषमा ने जब एहसास कराया तो वह बहुत परेशान हो गई. सुषमा ने इस का उपाय सुझाते हुए कहा कि कुछ युवतियों की नाभि ऊपर की तरफ निकली होती है तो कुछ की नाभि संकरी, छोटी एवं कम गहरी होती है, जो उन के सौंदर्य को कम कर देती है. आजकल नी शेपनामक तकनीक के जरिए नी शेप क्लिनिक एवं पार्लर्स में युवतियों की नाभि को आकर्षक आकार दिया जाता है

तब सविता ने अपनी सहेली सुषमा से विस्तार से इस के बारे में बताने को कहा. जिस पर सुषमा ने बताया कि बदलते परिवेश एवं फैशन की दौड़ में बौडी आर्ट (टैटू), पियर्सिंग (शरीर के अंगों में छेद कर उस में आधुनिक बोल्ड ज्वैलरी पहनाना) के साथसाथ नी शेप का नाम भी जुड़ गया है, जिस के तहत नाभि को आकर्षक बनाया जाता है. नाभि को आकर्षक, गहरी एवं सुंदर बनाने के लिए आजकल नेवल स्प्रिंगतकनीक अपनाई जाती है. इस के अंतर्गत नाभि का नाप ले कर जंगरोधी धातु की नाभि के आकार की एक स्प्रिंग तैयार की जाती है. इस स्प्रिंग की खासीयत है कि यह नाभि के अंदर गहराई में जा कर फैलती है और नाभि के अंदर की त्वचा को दबाती है. फिर इसे नाभि के अंदर डाल कर छोड़ दिया जाता है. जब इस नेवल स्प्रिंग को दबा कर किसी जंगनिरोधी चिमटी के सहारे नाभि की गहराई या सतह पर डाल कर छोड़ा जाता है तब दबाव कम होते ही यह स्प्रिंग अपने बड़े आकार में आ जाती है, इस से नाभि का आकार चौड़ा, गोल एवं आकर्षक हो जाता है. यह स्प्रिंग नाभि में दिखाई नहीं देती है.

इस नेवल स्प्रिंग की एक विशेषता यह भी है कि लगातार नाभि के अंदर रहने से इस के स्प्रिंग के तार त्वचा को दबाते हैं और उस स्थान के सैल्स स्प्रिंग तार के साइज के दबाव के कारण अंदर की तरफ दबतेदबते स्थायी हो जाते हैं और जब नाभि स्थायी रूप से आकर्षक रूप ले लेती है तब स्प्रिंग अपनेआप बाहर निकल जाती है. इस के बाद भी यदि नाभि में पर्याप्त आकर्षण नहीं आता है तो उसी जगह थोड़ी बड़ी स्प्रिंग बना कर डाल देते हैं. इस तरह से नाभि कुछ ही दिन में आकर्षक, गोल एवं गहरी हो जाती है. ब्यूटी क्लिनिक एवं नी शेप क्लिनिक में नाभि में इस नेवल स्प्रिंग को डालने पर सामान्यत: 500 रुपए या उस से अधिक का खर्च आता है. 

नेवल स्प्रिंग डालते समय विशेषज्ञों को हाथों में ग्लव्स पहनने चाहिए तथा उन के पास विभिन्न आकार की नेवल स्प्रिंग, स्प्रिंग को नाभि में डालने के लिए विभिन्न प्रकार की चिमटियां एवं फौरसेप होने चाहिए. नेवल स्प्रिंग लगाने से पूर्व नाभि को ऐंटीसैप्टिक लोशन से अच्छी तरह साफ करना चाहिए. नेवल स्प्रिंग जंगरोधी होनी चाहिए, स्प्रिंग के दोनों छोर अंदर की तरफ मुड़े हुए होने चाहिए जिस से कि वे नाभि में अंदर जाने के बाद उसे नुकसान न पहुंचाएं. अगर नेवल स्प्रिंग लगाने के बाद किसी तरह की परेशानी या असुविधा हो तो उसे निकलवा देने में ही समझदारी है.

नी शेप क्लिनिक अभी महानगरों एवं बड़े शहरों तक ही सीमित है, लेकिन धीरे धीरे इन की लोकप्रियता अन्य जगहों पर भी बढ़ेगी. इसी के साथ एक विधि कपिंगहै. इस में किसी खोखली वस्तु (धातु के कप) को मसल्स पर रख कर उस की हवा निकाली जाती है. हवा निकलने से उस जगह पर वैक्यूम पैदा हो जाता है, जिस से वह उस जगह पर चिपक जाता है, इस से वहां खिंचाव शुरू हो जाता है और नए सैल्स बनने से वह जगह फैलनी शुरू हो जाती है. नाभि के पर्याप्त आकार लेते ही कप निकल जाता है. इस विधि में नाभि को जो आकार देना है उस आकार के कप का उपयोग किया जाता है.

इस तरह नाभि को आकर्षक रूप प्रदान किया जाता है ।

 नेवल स्प्रिंग :- नेवेल स्प्रिंग एक साधारण सी स्प्रिंग है जो स्‍टीललैस स्‍टील की नाभी साईज अर्थात नाभी के वृत से थोडी सी बडी होती है । इसे सकरी एंव कम गहरी नाभी के अन्‍दर डाल कर छोड दिया जाता है । जैसा कि हम सभी इस बात को अच्‍छी तरह से जानते है कि स्प्रिंग का स्‍वभाव होता है यदि उसे दबा कर छोड दिया जाये तो वह अपने मूल आकार में लौट आती है । इसी उदेश्‍य का उपयोग यहॉ पर नाभी के आकार को बढाने एंव उसे गहरा करने में होता है । कम गहरी या सकरी नाभी या फिर इस प्रकार की नाभी जिसमें नाभी धारीयॉ स्‍पष्‍ट रूप से दिखलाई देती है जिसकी वहज से नाभी का सौर्न्‍दय जाता रहता है । इस प्रकार की नाभी को आकार चौडा गोल शेप में गहरा बनाने के लिये नेवेल स्प्रिंग का प्रयोग नीशेप क्‍लीनिक या नीशेप पार्लर में किया जाता है । इसे नाभी पर लगाना बहुत ही आसान है तथा इसे कभी भी आसानी से निकाला जा सकता है महिलाये स्‍वंय इसे अपनी सुविधानुसार लगा सकती है एंव निकाल सकती है नेवेल स्प्रिंग का उपयोग स्‍थाई एंव अस्‍थाई दोनो तरीके से किया जा सकता है । नेवल स्प्रिंग का एक फायदा यह भी है कि इससे नाभी निश्‍चत रूप से आकार में गोल चौडी गहरी सुन्‍दर हो जाती है । नेवल स्प्रिंग को नाभी के अन्‍दर डाल कर छोड देने से वह अपने स्‍वाभाविक दबाब के कारण नाभी के अन्‍दर के मसल्‍स पर दबाब डालती है इससे स्प्रिंग का पतला तार नाभी के अन्‍दर मसल्‍स में इस प्रकार दबाब देते हुऐ छिप जाता है कि आसानी से नजर नही आता इसीलिये ऐसी महिलाये जो पार्टी या किसी फंगशन आदि में जाती है या फिर फिल्‍म मीडिया या टेलीविजन अदाकारा जो नाभी र्दशना वस्‍त्र पहनना चाहती है वे अस्‍थाई नेवेल स्प्रिंग का प्रयोग करती है ताकि उनकी नाभी गहरी सुन्‍दर दिखे ।

नेवेल स्प्रिंग:- नेवल स्प्रिंग स्‍टील की एक साधारण सी स्प्रिंग है जो नाभी के साईज या नाभी साईज से थोडी सी बडी होती है । इसे नाभी के अन्‍दर की सतह पर दबा कर छोड दिया जाता है दबाव के कम होते ही स्प्रिंग अपने स्‍वाभाव के कारण अपनी मूल स्थीति में आ जाती है एंव नाभी की दिवारों पर दबाब देते हुऐ आकार में चौडा कर देती है यदि नाभी पर धारीयॉ स्‍पष्‍ट रूप से दिखलाई दे रही है तो वह भी स्प्रिंग की दबाब की वजह से आसानी से छिप जाती है । स्प्रिंग के इस दबाब के कारण नाभी आकार में गोल गहरी दिखलाई देने लगती है । नाभी पर नेवल स्प्रिंग को लगाना बहुत आसान है आप नाभी की साईज से थोडी बडी साईज की स्प्रिंग को ले एंव इसे अंगुलियों से दबाते हुऐ नाभी के अन्‍दर डालकर छोड दे आप चाहे तो फारशेप या किसी चिमटी का प्रयोग भी कर सकते है । जैसे ही इसे नाभी की सतह पर छोडा जाता है यह फैल कर नाभी के आकार को गोल बना देती है । तथा नाभी का साईज इसके नियमित उपयोग से स्‍थाई रूप से आकार में गोल एंव गहरा हो जाता है । इसके नियमित उपयोग से जब नाभी का आकार बढ जाता है तो यह स्प्रिंग अपने आप निकल जाती है । इससे यह सिद्ध होता है कि नाभी का आकार पहले की अपेक्ष बढ गया है यदि आप को इससे भी अधिक आकर में नाभी को चौड गोल करना हो तो उससे कुछ बडी साईज के नेवल स्प्रिंग का प्रयोग कर सकते । वैसे तो मात्र नेवल स्प्रिंग से नाभी आकार में चौडी गोल हो जाती है परन्‍तु कुछ महिलाओं की नाभी आकार में चौडी तो हो जाती है परन्‍तु गहरी कम होती है उन्‍हे नेवेल स्प्रिंग के बाद नेवेल कार्क का प्रयोग करना चाहिये इसके साथ ही यदि नाभी के उपर के मसल्‍स कम है तो कपिंग का प्रयोग कर नाभी प्रदेश के मसल्‍स को उभारा जा सकता है । नाभी प्रदेश के मसल्‍स के उभरने से नाभी स्‍वाभाविक रूप से अधिक गहरी दिखने लगती है ।

सावधानी:- नेवेल स्प्रिंग का प्रयोग प्रारम्‍भ में उतनी ही साईज का करे जिससे नाभी पर अधिक दबाब न पडे एंव स्प्रिंग इस प्रकार की होना चाहिये ताकि त्‍वचा को नुकसान न हो । 2-समय समय पर नेवल स्प्रिंग को निकाल कर किसी एन्‍टीसेप्‍टीक लोशन से साफ करते रहना चाहिये । साथ ही नाभी के अन्‍दर भी सफाई करना आवश्‍यक है । 3- नाभी के आकार को अधिक चौडा करना हो तो नेवेल स्प्रिंग की साईज को समय समय पर बढाते जाना चाहिये ।

   डॉ जीनत खान नीशेप एक्‍सर्पट

ब्‍युटी क्‍लीनिक राझी जबलपुर म0प्र0

xxjeent@gmail.com  

 neeshep.blogspot.com 

                                              

     

  

 

रविवार, 3 नवंबर 2019

नाभी र्दशना साडी बाधने की कला

   नाभी र्दशना साडी बाधने की कला 
फैशन क्‍या है , समय के साथ कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है आज जब हम सभी उपगृह संस्‍कृति से जुड चुके है दुनिया भर के नये नये फैशन व संस्‍कृतियों की जानकारीयॉ हमे घर बैठे मिल जाती है । बदलते नये नये फैशन की जानकारीयों से हम भी अछूते नही है । भीड में अपने आप को दूसरे से अलग पहचान बनाने के नये नये फैशन इजाद होते रहे है । सुन्‍दरता दो प्रकार की होती है एक प्रदत्‍त तो दूसरा अर्जित ।
   1-प्रदत्‍त सौन्‍र्द्धय :-  प्रदत्‍त सौन्‍र्द्धय वह है जो हमे ईश्‍वर से प्राप्‍त होता है ।
   2-अर्जित सौन्‍र्द्धय :- अर्जित सौन्‍र्द्धय वह है जो हम अपने प्रयासों से प्राप्‍त करते है ।     दुनिया में सभी महिलाये या पुरूष सौन्‍र्द्धर्य नही होते । परन्‍तु कुछ लोग कम सुन्‍दर होते हुऐ भी अपनी सुन्‍दरता को इस प्रकार बना लेते है कि देखने वाले की नजर उसके सौन्‍द्धर्य से नही हटती । सुन्‍दरता या आकृषण भी दो प्रकार का होता है एक ऐसा आक्रषण जिसमें उसके शरीर की बनावट उसे आक्रषकता प्रदान करती है । तो दुसरा आकृषण खॉसकर युवाओं महिलाओं में उसके कामनीय अंगों के उतार चढाव होते है जो देखने वालों को अपनी ओर आक्रषित करते है । युवा महिलाओं में उन्‍नत उरोज (उभरे हुऐ स्‍तन) पुष्‍ट नितम्‍ब (भरे हुऐ कूल्‍हे) समतल मुलायम झील से पेट पर गहरी नाभी ,लम्‍बे घन केश अर्थात बाल सौन्‍द्धर्य की ये मान्‍यताये सदियों से रही है । वक्‍त के साथ सौन्द्धर्य मान्‍यताओं में कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहा है ।
                      भारतीय साडी
भारतीय साडी –:- कहते है साडी में कुछ तो बात है जो युवा महिलाओं के शारीरिक उतार चढाओं को बडी ही सुन्‍दरता के साथ इस प्रकार से प्रर्दशित करती कि देखने वालों की नजरे फटी की फटी रह जाती है । परन्‍तु यही बिना सिला परिधान यदि बिना जानकारी के पहना जाये तो उसके सौन्‍द्धर्य को खराब कर देता है परन्‍तु थोडी सी जानकारी के साथ इसे पहना जाये तो यह कम से कम सुन्‍दर नारी को भी इतना आकृषक व कामनीय बना देता है कि देखने वालों की नजर उस पर से हटती ही नही है । इस बिना सिली हुई साडी को पहनने की कुछ जानकारीयॉ जो फैशन विशेषज्ञों ने दी है वह इस प्रकार है ।
1-     साडी को नाभी से नीचे पहना चाहिये इसके कई फायदे है जैसे यदि आप साडी को नाभी से उपर पहनते है तो साडी की प्‍लेट को पेट के अन्‍दर दबाते या खोसते है तो इससे आप के पेट का वह हिस्‍सा पहले से अधिक ऊभरा हुआ दिखता है । इसके साथ ही कमर व पेट का अधिकाश भाग छिप जाता है साथ युवा महिलाओं के आकृषक का वह कामनीय अंग जिसे हम नाभी कहते है छिप जाती है चूंकि नाभी युवा महिलाओं का एक सैक्‍सी भाग है जिसे देखकर आप के शरीर की अन्‍य अंगों की सुन्‍दरता और बढ जाती है । कमर के उतार चढाव, समतल पेट पर गहरी नाभी ये आक्रष्‍ण  व सौन्‍द्धर्य के केन्‍द्र है अत: साडी पहनते समय इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिये । साथ ही कोशिश यह करे की आप के पल्‍लू से आप की नाभी दिखती रहे ,साथ ही साडी को कमर पर पीछे पीठ की तरफ इस तरह से खोसे ताकि पीठ का अधिकाश भाग दिखता रहे । टी बी पर एक सीरियल नामकरण आता है उसकी एक्‍टर आदिति राठौर जिसका नाम सीरियल में अवनी है उसने इस सीरियल में साडी पीठ पर से इस प्रकार बॉधी है कि उसकी गोरी पीठ इतनी आकृषक दिखती है कि उस पर से नजर हटाने की र्दशक हिम्‍मत ही नही कर सकते । जहॉ पेट व गहरी नाभी आक्रष्‍ण का केन्‍द्र है वही समतल पतली कमर पर पीठ का हिस्‍सा भी कम आक्रषक नही होता इसे देख कर नजरे नही हटती ।
2-     साडी को पहनते समय इस बात का भी ख्‍याल रखे की आप के स्‍त्री सुलभ अंगों के उतार चढाव साडी बॉधने पर उसका अहसास कराये ना कि उस उतार चढावों को छिपा दे जैसे आप के नितम्‍ब प्रदेश अर्थात भरे हुऐ कूल्‍के के उतार चढावों को ऊभरे न कि उसे छिपाये कई महिलाये पुढढे पर से साडी को इस प्रकार बॉधती है कि पुठठे के ऊभर छिप जाते है यह प्राय:साडी को पुठठे पर ढीला बॉधने से होता है  इस लिये साडी को पुठठे से हमेशा कस कर इस प्रकार से बॉधना चाहिये ताकि पुठठों के ऊभार व उतार चढाव की झलक साडी पर स्‍पष्‍ट हो सके इससे जहॉ पुठठे भरे हुऐ एंव ऊभरे हुऐ नजर आयेगे वही आप की कमर की बनावट व समतल पेट व गहरी नाभी का आक्रष्‍ण आप के सौन्‍द्धर्य में चार चॉद लगा देखा ।
3-      साडी इस प्रकार होना चाहिये जो शरीर से चिपकी रहे अर्थात मुलायम व पारर्दशी साडी से ही युवा महिलाओं के स्‍त्रीय सुलभ कामनीय अंगों के उतार चढाव उसके आकार प्रकार की बनावट आदि को एक व्‍यवस्थित तरीके प्रर्दशित किया जा सकता है साडी बांधना भी एक कला है जिससे युवा महिलाओं के सौन्‍द्धर्य को कई गुना बढाया जा सकता है ।
4-     साडी को कमर में नाभी से जितना नीचे हो सके बॉधना चाहिये इसके बाद यह प्रयास करे की आप की पीठ का पिछला हिस्‍स अधिक से अधिक दिखता रहे साथ ही पेट का अधिकाश भाग व नाभी अवश्‍य दिखती रहे यह युवा महिलाओं के कामनीय अंग है । कमर में साडी को बॉधने के बाद उसका पल्‍लू इस प्रकार से ऊभरे स्‍तनों से होता हुआ इस प्रकार से पीछे ले जाये ताकि पेट कमर पीठ व नाभी का अधिकाश भाग दिखता रहे इस प्रकार साडी को बॉधने से आप की सुन्‍दरता तो बडेगी है आप के युवा अंगों के उतार चढाव उसके आकार प्रकार का सुखद अहसास आप को स्‍वयम होगा इससे आप का मनोबल भी बडेगा । आप के सौन्‍द्धर्य का सौन्‍द्धर्य आभास स्‍वयम आप को होगा । कुल्‍हे पर कस कर बॉधी गयी साडी के कसाब से पुष्‍ट कूल्‍हे की बनावट का आभास जहॉ देखने वालों को होगा वही इसका अहसास स्‍वयम आप को भी होगा । चलते समय आप के दोनों भरे हुऐ कूल्‍हे की हरकत स्‍पष्‍ट साडी में से समक्ष में आयेगी । कमर व पीठ का अधिकाश भाग खुला होने से वह र्दशनीय व सुन्‍दर दिखेगे । वही पल्‍लू से झॉकती गहरी झील सी नाभी का सौन्‍द्धर्य आप की सुन्‍दरता को कई गुना बडा देगा सभी की नजर आप की गहरी नाभी से नही हटेगी । आज कल नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनाने का प्रचलन एक फैशन की तरह से ऊभरा है ।
5-       साडी एक ऐसा वस्‍त्र है जिसमें युवा महिलाये अपने आक्रषक अंगों की बनावट उसके उतार, चढाव, आकार, प्रकार के सौन्‍द्धर्य को मर्यादा में रहते हुऐ प्रर्दशित कर सकती है जबकि अन्‍य वस्‍त्रों के पहनने से यही बात अमर्यादित हो कर अशलील प्रर्दशन की श्रेणी में आ जाती है ।
6-     नाभी के प्रर्दशन से स्‍ंवयम पहनने वाली महिला को एक सुखानुभूति का अहसास होता है ।
7-     नाभी प्रर्दशन हेतु पहने जाने वाले वस्‍त्र हो या साडी, इसे पहनने के लिये यह आवश्‍यक है कि पहनी जाने वाली महिला की नाभी सुन्‍दर एंव गहरी होना चाहिये यदि नाभी डण्‍टल की तरह से बाहर को निकला हुआ हो या फिर किसी जख्‍म की तरह का या नाभी का आकार छोटा , हो तो नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनने का कोई अर्थ नही होता । यदि नाभी कम गहरी सकरी या आकार में छोटी है तो इसे नेवल स्प्रिंग या नेवल कार्क से गहरा गोल आकृषक आकार दिया जा सकता है । कई महिलाये जिनकी नाभी कम गहरी या सकरी होती है वे अपनी नाभी को गहरा एंव आकार में कुछ गोल चौडा करने के लिये नेवल स्प्रिंग को अपनी नाभी के अन्‍दर डाल कर छोड देती है इससे गोल स्प्रिंग को जैसे ही नाभी के अन्‍दर डालकर छोडते है वह अपनी स्‍वाभाविकता के कारण नाभी के अन्‍दर जा कर फैल जाती है इससे नाभी पहले की अपेक्षा गोल गहरी आकृषक दिखने लगती है । प्राय: महिलाये किसी फैशन या कार्यक्रम में नाभी र्दशना वस्‍त्र पहनती है तो वह इस स्प्रिंग को नाभी के अन्‍दर डाल कर उसे फैला देती है । इससे नाभी गोल गहरी आकृषक दिखने लगती है साथ ही नाभी पर जो धारीयॉ होती है वह भी इस स्प्रिग के लगने से छिप जाती है । इस नेवेल स्प्रिंग की एक और खॉसियत है वह यह कि यह नाभी के अन्‍दर जाते ही जब इसे छोडा जाता है तो यह त्‍वचा व मॉस पेशियों में इस प्रकार से दब जाता है कि आसानी से दिखलाई नही देता । इसलिये जब कभी भी नाभी र्दशना वस्‍त्र पहने तो इसका प्रयोग अवश्‍य करना चाहिये ।